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“पौने सब सवइये हो गए”

सुनो दोस्तों
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“पौने सब सवइये हो गए”

नगर नाच, नचइये हो गये |

गाँव गाय,  गवइये हो गये |

राजनीति के , घटा जोड़ में,

पौने,  सब, सवइये हो गये |

कैसा,    तूफ़ान सुनामी का,

सागर, ताल तलइये हो गये |

लूटियंस की दिल्ली लुट गई,

मठाधीश,  छुटभइये हो गये |

दसों मुख से, ज्ञान की बातें,

चकित राम, रमइये हो गये |

(नाच=नाचकर,  गाय= गा कर , लुटियंस= यह सज्जन दिल्ली के आर्किटेक्ट रहे हैं , उनके नाम पर दिल्ली के एक ख़ास वी. आई. पी. इलाके में रहने वाले अभिजात्य वर्ग के लोगों को “लुटियंस” के नाम से आज भी संबोधित किया जाता है | यहाँ लुटियंस का ध्वन्यात्मक अर्थ लूटने वाले भी निकल रहा है |दसों मुख से ज्ञान की बात करने वाला = रावण, राम से रमईये होना = असाधारण से साधारण होना )

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