Menu
blogid : 25396 postid : 1333939

बूंदों का परिवार नदी

सुनो दोस्तों
सुनो दोस्तों
  • 51 Posts
  • 3 Comments

* बूंदों का परिवार नदी*

********************

मौजों का त्यौहार नदी है |

बूंदों का परिवार नदी है |

बदली को परबत चूमे तो ,

हो लेती शर्मसार नदी है |

कूल किनारे आँख मिलाते,

लहरों का अभिसार नदी है |

पल पल की तहजीब निराली,

सदियों का व्यवहार नदी है |

बोझा ढोते कुदरत थकती,

कुदरत का इतवार नदी है |

प्यास हमारे प्राण न हर ले,

रक्षा की दीवार नदी है |

न धरा नदी न पानी नदी,

इन दोनों का प्यार नदी है |

आखर के सागर में डूबे,

‘सुशीरंग’ की पतवार नदी है |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh